Tuesday March 19, 2024
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वैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,, पौड़ी गढ़वाल पौड़ी

वैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,,  पौड़ी गढ़वाल पौड़ी
वैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,,  पौड़ी गढ़वाल पौड़ीवैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,,  पौड़ी गढ़वाल पौड़ीवैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,,  पौड़ी गढ़वाल पौड़ी
वैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल, पौड़ी गढ़वाल

पौड़ी शहर से ९ किलोमीटर की दूरी पर पौड़ी-देवप्रयाग राजमार्ग पर आंछरीखाल नामक स्थान पर स्थित है मां वैष्णो देवी का मन्दिर। धार्मिक एवं दर्शनीय पर्यटन के लिये यह स्थान काफी रमणीक है। यहां से हिमालय की विस्तृत दृश्यावली के साथ ही श्रीनगर में बहती गंगा का मनोहारी दर्शन होता है।
पौराणिक दृष्टिकोण से मन्दिर का निर्माण भक्तों की आस्था का प्रतीक है। कहा जाता है कि कफलना गांव के निवासी राजेन्द्र सिंह को सपने में मां वैष्णों देवी ने दर्शन देकर किसी ऊंचे स्थान पर अपने लिये स्थापना हेतु मन्दिर निर्माण की बात कही थी। सपने में माता वैष्णों देवी द्वारा दिये हुये आदेश का पालन कर उस व्यक्ति  ने आंछरीखाल नामक स्थान पर मां वैष्णों देवी मन्दिर का निर्माण कराया। आज इस मन्दिर की पौड़ी ही नहीं अपितु सुदूरवर्ती क्षेत्रों में काफी प्रसिद्धि है। मां के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु मन्दिर के विकास में अपनी अहम्‌ भूमिका निभाते हैं। माता वैष्णों देवी (जम्मू कश्मीर) मन्दिर के प्रतिरूप इस मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा एक गुफा का भी निर्माण कराया गया है। जो कि मन्दिर की महत्ता और आकर्षण को बढ़ाते हैं। नवरात्रों के दिनों में इस मन्दिर में काफी चहल पहल रहती है। धार्मिक स्थल के साथ साथ पर्यटन के दृष्टिकोण से भी यह मन्दिर काफी महत्वपूर्ण है।
पौड़ी देवप्रयाग मार्ग पर स्थित होने के कारण इस मन्दिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। पौड़ी से देवप्रयाग जाने वाली सवारी बसें तथा टैक्सी इसी स्थान से होकर गुजरती हैं। सड़क पर ही आवश्यक्ता की छोटी-मोटी चीजों की एक-दो दुकानें हैं जहां चाय पानी और अल्पाहार मिला जाते हैं। परन्तु रात्रि निवास हेतु समीपस्थ उपयुक्त स्थान केवल पौड़ी शहर ही है।

साभार : वीरेन्द्र खंकरियाल [पौड़ी और आस पास]



फोटो गैलरी : वैष्णो देवी मन्दिर आंछरीखाल,, पौड़ी गढ़वाल पौड़ी

Comments

1

Naveen rawat | June 13, 2016
Kafalna gaon ka swarg Esthan hai Achrikhal..

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VINOD KUMAR NAUTIYAL | August 05, 2013
Rajender singh Rawat kay sapnay may mata aaye yeh baat to Rajender singh ko hi pata hoga, Yaha par ek mindir or tal bi hai es tal ko achrikhal kahtay hai or jo mindir purna wha par hai wo achri ka mandir hai. En mindir mai paise ki jagah gagtir ka pathar charaya jata hai.Adi kal mai jab varesh nahi hoti thi to yaha par pooja karkay achriyo ko parshan kar variesh magi jati thi or pooja hotay hi variesh ho jati thi yesa mira anubhav bi hai,ab ek mandir kaflan gaon nay or banaya hai. yeh mandir bhuneshweri ka ha, or enkay kay upper vesno devi ka mandir hai jo rajender singh ji banaya hai. achari khal mai aa kar esa lagtha jaisay swarg mai aa gaye ho. bhut hi sunder esthan hai

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